श्री तुलसी के चमत्कारिक फायदे - 200 रोगों की एक औषधि



इस अमृत को अपने घर में जरुर रखें  | IMC तुलसी के गुणकारी रहस्य | imc Tulsi Review






इस लेख में IMC Tulsi के बारे में जानेंगे की कैसे और क्यों इसे अमृत की उपमा दी जा रही है हमारे देश में न सही पर विदेशी इसे अपने जीवन का एक अविच्छिन्न अंग बनाते जा रहें हैं और हम इन अमूल्य और बेहद सस्ती अमृत के बारे में जानना तो दूर हम इस अमृत से दूर होते जा रहें हैं |

अगर आपका जन्म 90s से पहले का है तो आप सबको याद होगा की हमारे यहाँ तुलसी के कितने अधिक पौधे हुआ करते थे और जब भी किसी को सर्दी , बुखार और अन्य न जाने कितने रोगों में दादी हमें तुलसी का सेवन अवस्य कराती थी | प्रातः उठकर हम जाने अनजाने में कुछ पत्तियां तुलसी की जरुर खाते थे हां पर उस वक़्त का वातावरण और मिटटी भी स्वच्छ थी |



आज का वातावरण इतना दूषित हो चूका है तो अब हमारे माहौल में इतनी गुणकारी तुलसी का मिलना भी बेहद मुश्किल है ऐसे में कुछ कम्पनियाँ तुलसी को फिर से जीवित कर रही हैं यह अलग बात है की उनमे उनका भी स्वार्थ है पर अगर इतने कम निवेश में अगर स्वास्थ्य बिक रहा हो तो उसे खरीद लेना करोड़ों जितने लाभ का सौदा होगा |



IMC Tulsi क्या है और क्यों ख़ास है ?




तुलसी मुख्य रूप से पांच प्रकार के पायी जाती है ! श्याम तुलसी, राम तुलसी, श्वेत/विश्नू तुलसी, वन तुलसी, और नींबू तुलसी | जिसमें श्यामा तुलसी और राम तुलसी एक साधारण जमीन पर लगाई जा सकती है लेकिन शेष तीन तुलसीयों के लिए एक साफ़ वातावरण और अधिक देखरेख की आवश्यकता होती है


इन पांच प्रकार की तुलसी विधि द्वारा अर्क निकाल कर IMC tulsi का निर्माण किया गया है  इसकी सबसे ख़ास बात यह है की इसे हरिद्वार  जैसे साफ़ वातावरण में उगाया जाता है और इतनी वैज्ञानिक तकनीक से बनाया जाता है जिससे  इसके तत्वों को कोई भी हानि न हो और इसमें कोई अन्य तत्व भी न मिलाना पड़े  जिससे यह और भी अमृतमय गुणों  से भरपूर रहे और ग्रहण करने वालों के स्वास्थ्य को उत्तम कोटि का बना सके |


Imc Tulsi के 23 सबसे बड़े फायदे 



यह संसार की एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सीडेंट , एंटी- बैक्टीरियल, एंटी- वायरल , एंटी- फ्लू, एंटी- बायोटिक , एंटी-इफ्लेमेन्ट्री व एंटी - डिजीज है |


1) श्री तुलसी अर्क के एक बून्द एक ग्लास पानी में या दो बून्द एक लीटर पानी में डाल कर पांच मिनट के बाद उस जल को पीना चाहिए। इससे पेयजल विष् और रोगाणुओं से मुक्त होकर स्वास्थवर्धक पेय हो जाता है I


2) श्रीतुलसी अर्क २०० से अधिक रोगो में लाभदायक है I जैसे के फ्लू , स्वाइन फ्लू, डेंगू , जुखाम , खासी , प्लेग, मलेरिया , जोड़ो का दर्द, मोटापा, ब्लड प्रेशर , शुगर, एलर्जी , पेट के कीड़ो , हेपेटाइटिस , जलन, मूत्र सम्बन्धी रोग, गठिया , दम, मरोड़, बवासीर , अतिसार, आँख का दर्द , दाद खाज खुजली, सर दर्द, पायरिया नकसीर, फेफड़ो सूजन, अल्सर , वीर्य की कमी, हार्ट ब्लोकेज आदि I


3) श्री तुलसी एक बेहतरीन विष नाशक तथा शरीर हटा के विष (toxins ) को बाहर निकलती है I


4) श्रीतुलसी स्मरण शक्ति को बढ़ाता है I


5) श्रीतुलसी शरीर के लाल रक्त सेल्स (Hemoglobin) को बढ़ने में अत्यंत सहायक है I


6) श्रीतुलसी भोजन के बाद एक बूँद सेवन करने से पेट सम्बन्धी बीमारिया बहोत काम लगाती है.


7) श्रीतुलसी के 4 - 5 बूँदे पीने से महिलाओ को गर्भावस्था में बार बार होने वाली उलटी के शिकायत ठीक हो जाती है I


8) आग के जलने व किसी जहरीले कीड़े के कांटने से श्री तुलसी को लगाने से विशेष रहत मिलती है I


9) दमा व खाँसी में श्रीतुलसी के दो बुँदे थोड़े से अदरक के रास तथा शहद के साथ मिलकर सुबह - दोपहर - शाम सेवन करे I


10) यदि मुँह में से किसी प्रकार की दुर्गन्ध आती हो तो श्रीतुलसी के एक बूँद मुँह में डाल ले दुर्गन्ध तुरंत दूर हो जाएगी I


11) दांत का दर्द, दांत में कीड़ा लगना , मसूड़ों में खून आना श्री तुलसी के 4 - 5 बूँदे पानी में डालकर कुल्ला करना चाहिए I


12) कान का दर्द, कण का बहना, श्रीतुलसी हल्का गरम करके एक -एक बूंद कान में टपकाए I


13) नाक में पिनूस रोग हट जाता है, इसके अतिरिक्त फोड़े - फुंसिया भी निकल आती है, दोनों रोगो में बहुत तकलीफ होती है I श्रीतुलसी को हल्का सा गरम करके एक - एक बूंद नाक में टपकाएं I


13) गले में दर्द, गले व मुँह में छाले , आवाज़ बैठ जाना : श्री तुलसी के 4 - 5 बूँदे गरम पानी में डालकर कुल्ला करना चाहिए I


14) सर दर्द, बाल क्हाड्णा, बाल सफ़ेद होना व सिकरी श्रीतुलसी की 8 - 10 मि.ली। हर्बल हेयर आयल के साथ मिलाकर सर, माथे तथा कनपटियो पर लगाये I


15) श्री तुलसी के 8 - 10 बूँदे मिलकर शरीर में मलकर रात्रि में सोये , मच्छर नहीं काटेंगे I


16) कूलर के पानी में श्री तुलसी के 8 - 10 बूँदे डालने से सारा घर विषाणु और रोगाणु से मुक्त हो जाता है, तथा मक्खी - मच्छर भी घर से भाग जाते है I


17) जूएं व लिखे श्रीतुलसी और नीबू का रस समान मात्रा में मिलाकर सर के बालो में अच्छे तरह से लगाये I 3 - 4 घंटे तक लगा रहने दे। और फिर धोये अथवा रात्रि को लगाकर सुबह सर धोए।। जुएं व लिखे मर जाएगी I


18) त्वचा की समस्या में निम्बू रास के साथ श्रीतुलसी के 4 - 5 बूँदे डालकर प्रयोग करे I


19) श्रीतुलसी में सुन्दर और निरोग बनाने की शक्ति है। यह त्वचा का कायाकल्प कर देती है I यह शरीर के खून को साफ करके शरीर को चमकीला बनती है I


20) श्रीतुलसी की दो बूँदे एलो जैल क्रीम में मिलाकर चेहरे पर सुबह व रात को सोते समय लगाने पर त्वचा सुन्दर व कोमल हो जाती है तथा चेहरे से प्रत्येक प्रकार के काले धेरे, छाइयां , कील मुँहासे व झुरिया नष्ट हो जाती है I


21) सफ़ेद दाग : 10 मि.लि. तेल व नारियल के तेल में 20 बूँदें श्रीतुलसी डालकर सुबह व रात सोने से पहले अच्छी तरह से मले I


22) श्री तुलसी के नियमित उपयोग से कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होने लगता है, रक्त के थक्के जमने कम हो जाते है, व हार्ट अटैक और कोलैस्ट्रोल की रोकथाम हो जाती है I


23) श्री तुलसी को किसी भी अच्छी क्रीम में मिलाकर लगाने से प्रसव के बाद पेट पर बनने वाले लाइने ( स्ट्रेच मार्क्स ) दूर हो जाते है I


*नोट* श्री तुलसी का सेवन दूध में डालकर कभी नहीं करें श्री तुलसी के उपयोग के बाद आधे घंटे बाद दूध का सेवन करें

 



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